हट जाएगा चश्मा, 10 गुना बढ़ जाएगी रोशनी, बस खा लें ये चीजें

आजकल की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में आंखों की समस्याएं आम हो गई हैं। बढ़ती उम्र, अनुचित खानपान, डिजिटल स्क्रीन पर अधिक समय बिताना और तनाव के कारण हमारी आंखों की रोशनी कमजोर होती जा रही है। ऐसे में, अगर आप अपनी आंखों को तेज और स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो महर्षि वाग्भट्ट द्वारा बताया गया एक हजारों साल पुराना उपाय बेहद कारगर साबित हो सकता है।
महर्षि वाग्भट्ट, जिन्हें आयुर्वेद के महान ग्रंथ अष्टांग हृदय के रचनाकार के रूप में जाना जाता है, ने अपनी किताब में आंखों की रोशनी बढ़ाने और उसे स्वस्थ रखने के लिए एक अद्भुत तरीका बताया था। उनके अनुसार, रात में एक विशेष घरेलू उपाय का पालन करने से आंखों की तमाम समस्याएं खत्म हो सकती हैं। इस उपाय के साथ आप न केवल अपनी नजर की ताकत को बढ़ा सकते हैं, बल्कि चश्मे के बिना बिना दूर और पास की चीजें भी देख सकते हैं।
त्रिफला चूर्ण से होगा चमत्कारी लाभ
महर्षि वाग्भट्ट का यह उपाय त्रिफला चूर्ण के सेवन पर आधारित है। त्रिफला एक आयुर्वेदिक चूर्ण है, जिसमें तीन शक्तिशाली फलों – आंवला, बहेड़ा और हरड़ का समावेश होता है। ये तीनों फल अपनी आयुर्वेदिक गुणों के लिए प्रसिद्ध हैं। त्रिफला चूर्ण ना केवल पाचन क्रिया को सुधारने के लिए जाना जाता है, बल्कि यह आंखों के लिए भी बेहद लाभकारी है।
कैसे करें त्रिफला का सेवन?
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए महर्षि वाग्भट्ट ने त्रिफला के सेवन का तरीका इस प्रकार बताया है:
सबसे पहले, त्रिफला चूर्ण को बाजार से खरीदें या फिर इसे घर में बनाएं। इसके लिए आंवला, बहेड़ा और हरड़ के सूखे फलों को दरदरा पीस लें।
अब इस चूर्ण का एक चम्मच लें और इसे शहद या देसी घी के साथ मिलाकर चटनी बना लें।
इस चटनी को रात में सोते समय चाट लें।
यदि आप इस उपाय को नियमित रूप से करते हैं, तो महज तीन महीने में आपको अपनी आंखों की रोशनी में सुधार महसूस होगा। आपकी आंखों का धुंधलापन कम होगा और चश्मे की जरूरत भी घटेगी।
त्रिफला के अन्य स्वास्थ्य लाभ
त्रिफला सिर्फ आंखों के लिए ही नहीं, बल्कि शरीर के अन्य अंगों के लिए भी बेहद फायदेमंद है। यह कब्ज, मोटापा, अपच, और भूख की कमी जैसी समस्याओं को भी दूर करता है। साथ ही, यह हेयर फॉल (बालों का झड़ना) और यूटीआई (यूरेट्रीन ट्रैक्ट इंफेक्शन) जैसी समस्याओं का इलाज भी करता है।
आंखों की देखभाल के लिए कुछ और टिप्स
महर्षि वाग्भट्ट का उपाय केवल त्रिफला चूर्ण तक ही सीमित नहीं है। इसके साथ-साथ आपको अपनी आंखों की देखभाल के लिए कुछ अन्य साधारण उपायों का पालन भी करना चाहिए:
त्रिफला से आंखों को धोना – आयुर्वेद में त्रिफला से आंखों को धोने का भी तरीका बताया गया है। इसके लिए त्रिफला पाउडर को पानी में उबालकर ठंडा होने पर छान लें। फिर इस पानी से आंखों को धोने से आंखों की अंदर से सफाई हो जाती है और धुंधलापन और सूजन जैसी समस्याएं दूर होती हैं।
आरामदायक नींद – पर्याप्त नींद लेना आंखों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
आंखों का व्यायाम – आंखों की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए नियमित रूप से आंखों का व्यायाम करें।
आहार में बदलाव – अपनी डाइट में विटामिन ए, सी और ई से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे गाजर, पपीता, टमाटर, पालक आदि शामिल करें।
आंखों की रोशनी को प्राकृतिक तरीके से बढ़ाना और स्वस्थ रखना संभव है, बशर्ते आप सही आहार और दिनचर्या का पालन करें। महर्षि वाग्भट्ट का त्रिफला चूर्ण का उपाय एक प्रभावी और प्राचीन तरीका है, जो आपकी आंखों की समस्याओं को दूर कर सकता है। नियमित रूप से इसका सेवन और कुछ अतिरिक्त देखभाल की आदतें अपनाकर आप अपनी आंखों को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं।