रंग-बिरंगे शिमला मिर्च की खेती: किसानों के लिए बंपर कमाई का मौका

भारत में किसान अब पारंपरिक खेती को छोड़कर नकदी फसलों की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं। इनमें शिमला मिर्च की खेती एक ऐसा व्यवसायिक विकल्प बनकर उभरी है, जो कम समय में किसानों को अच्छी कमाई का अवसर दे रही है। खासकर रंग-बिरंगे शिमला मिर्च (कलर्ड बेल पेपर) की मांग दिनोंदिन बढ़ रही है। बाजार में इसका दाम अन्य सब्जियों की तुलना में अधिक मिलता है, जिससे यह किसानों के लिए लाभदायक साबित हो रहा है।
शिमला मिर्च: पोषण से भरपूर और डिमांड में टॉप
शिमला मिर्च, जिसे बेल पेपर भी कहा जाता है, विटामिन-C और विटामिन-A का समृद्ध स्रोत है। इसमें आयरन, पोटैशियम, जिंक और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके पोषण गुणों और बेहतरीन स्वाद के कारण यह सलाद और अन्य व्यंजनों में विशेष स्थान रखती है। खासकर होटलों, रेस्तरां और फूड इंडस्ट्री में रंगीन शिमला मिर्च की मांग काफी अधिक है।
भारत में शिमला मिर्च की खेती का विस्तार
भारत में शिमला मिर्च की खेती लगभग 4,780 हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है, जिससे सालाना 42,230 टन का उत्पादन होता है। प्रमुख उत्पादक राज्यों में हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक शामिल हैं। इन राज्यों में बड़े पैमाने पर शिमला मिर्च की खेती की जा रही है।
रंगीन शिमला मिर्च जैसे लाल, पीली और सफेद किस्मों की मांग लगातार बढ़ रही है। इन किस्मों की खेती सामान्य शिमला मिर्च की तुलना में अधिक लाभदायक है।
शिमला मिर्च की खेती कैसे करें?
शिमला मिर्च की खेती अन्य मिर्च की तरह किसी भी मौसम में की जा सकती है, हालांकि इसे बारिश से बचाने की आवश्यकता होती है। इसे गमले या खेत में आसानी से उगाया जा सकता है।
गमले में खेती:
10 किलो मिट्टी वाले गमले में एक तिहाई खाद मिलाएं।
इसमें शिमला मिर्च का पौधा लगाएं।
इस तकनीक से कम जगह में भी उत्पादन किया जा सकता है।
खेत में खेती:
खेती के लिए जमीन का पीएच मान 6 होना चाहिए।
शिमला मिर्च का पौधा 40 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सह सकता है।
पौधे लगाने के 75 दिनों के भीतर फल आना शुरू हो जाते हैं।
उत्पादन और कमाई के अवसर
शिमला मिर्च का उत्पादन प्रति हेक्टेयर लगभग 300 क्विंटल होता है। अगर किसान रंगीन शिमला मिर्च की खेती करते हैं, तो उत्पादन और मुनाफा और भी अधिक हो सकता है।
एक एकड़ में उत्पादन:
एक एकड़ में लगभग 200 से 250 क्विंटल शिमला मिर्च का उत्पादन होता है।
एक पौधे पर 10-15 फल लगते हैं।
बाजार में शिमला मिर्च की कीमत अच्छी होने से किसान आराम से मोटी कमाई कर सकते हैं।
किसानों के लिए फायदे का सौदा
बढ़ती मांग और बेहतर बाजार मूल्य के कारण शिमला मिर्च की खेती किसानों के लिए बेहद लाभदायक है। खासकर बदलते उपभोक्ता पैटर्न और होटलों में इसकी मांग ने इसे नकदी फसलों की सूची में शीर्ष पर पहुंचा दिया है। यदि किसान इसे सही तकनीक और समय पर बाजार में उतारें, तो यह उनकी आर्थिक स्थिति को पूरी तरह बदल सकता है।
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