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बेबी कॉर्न की खेती: कम लागत में चार गुना मुनाफा, गांव से लेकर शहरों तक भारी डिमांड

आजकल के समय में कृषि क्षेत्र में नए और उभरते विकल्पों पर किसान तेजी से ध्यान दे रहे हैं। अगर आप भी खेती के जरिए अच्छी कमाई करना चाहते हैं, तो बेबी कॉर्न (Baby Corn) की खेती एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। यह मक्का परिवार से जुड़ी एक पौष्टिक और स्वादिष्ट फसल है, जिसकी डिमांड फाइव स्टार होटलों, रेस्टोरेंट्स, पिज्जा और पास्ता चेन जैसी जगहों पर काफी ज्यादा है। इसके अलावा, घरों में भी इसे पसंद किया जाता है।

बेबी कॉर्न की बढ़ती लोकप्रियता

बेबी कॉर्न में भरपूर पोषक तत्व होते हैं, जिसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन शामिल हैं। इसे कच्चा या पका कर खाया जा सकता है और यह कई प्रकार की डिशेज में इस्तेमाल होता है। इसकी बढ़ती डिमांड के चलते यह फसल किसानों के लिए मोटी कमाई का जरिया बन गई है। खास बात यह है कि इसे सालभर उगाया जा सकता है, जिससे यह छोटे और बड़े दोनों स्तर के किसानों के लिए फायदेमंद है।

बेबी कॉर्न की खेती: 45-50 दिन में तैयार फसल

बेबी कॉर्न की खेती साल में 3-4 बार की जा सकती है। मक्का के अपरिपक्व भुट्टे को ही बेबी कॉर्न कहा जाता है। इसकी फसल तैयार होने में मात्र 45-50 दिन का समय लगता है। मक्का की सिल्क 1-3 सेंटीमीटर की लंबाई तक पहुंचने के 1-3 दिनों के भीतर इसे तोड़ा जाता है। यह कम समय में तैयार होने वाली फसल है, जिससे किसान जल्दी-जल्दी फसल चक्र पूरा कर सकते हैं और अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं।

बेबी कॉर्न की खेती से डबल मुनाफा

बेबी कॉर्न की खेती करने वाले किसान न केवल भुट्टे बेचकर बल्कि पौधों से हरा चारा और सूखा भूसा बनाकर भी लाभ कमा सकते हैं। पशुओं के लिए यह चारा बहुत पौष्टिक होता है, जिससे उनकी दुग्ध उत्पादन क्षमता में सुधार होता है। किसान इसे हरा चारा या थ्रेशर से सूखा भूसा बनाकर भी बेच सकते हैं। इस तरह बेबी कॉर्न किसानों के लिए डबल फायदे का सौदा साबित होता है।

लागत और मुनाफा

एक एकड़ में बेबी कॉर्न की खेती करने का खर्च करीब 15,000 रुपये आता है। फसल बेचने पर किसान प्रति एकड़ एक लाख रुपये तक कमा सकते हैं। साल में चार बार फसल लेने पर यह कमाई चार लाख रुपये तक हो सकती है। हालांकि, वर्तमान में इसकी बिक्री के लिए एक व्यवस्थित सप्लाई चेन की कमी है, जिससे किसानों को इसे बेचने में थोड़ी कठिनाई हो सकती है।

सरकार से मिलेगी मदद

सरकार बेबी कॉर्न और मक्का की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जागरूक कर रही है। बड़े स्तर पर खेती करने के लिए किसान लोन भी लिया जा सकता है। इसके अलावा, किसानों को बेबी कॉर्न की खेती के बारे में अधिक जानकारी के लिए IIMR (Indian Institute of Maize Research) की आधिकारिक वेबसाइट iimr.icar.gov.in पर जाने की सलाह दी जाती है।

बेबी कॉर्न की खेती कम समय और लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाला व्यवसाय है। यह फसल किसानों को सालभर कमाई का मौका देती है और पशुपालन में भी उपयोगी है। बढ़ती डिमांड को देखते हुए, समय के साथ इस फसल से होने वाले मुनाफे में और इजाफा होने की संभावना है। अगर आप एक लाभदायक कृषि व्यवसाय की तलाश में हैं, तो बेबी कॉर्न की खेती आपके लिए सही विकल्प हो सकती है।

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Sai Chandhan

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